
मणिपुर के इम्फाल पूर्व जिले में हाल के दिनों में उग्रवादियों द्वारा लगातार किसानों पर हमले हो रहे हैं। ये हमले मुख्य रूप से कुकी समुदाय के संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा पहाड़ी क्षेत्रों से किए जा रहे हैं, जिससे धान की फसल काट रहे किसानों के बीच भय का माहौल बन गया है। 11 नवंबर को, यांगांगपोकी क्षेत्र में एक किसान पर गोलीबारी की गई, जिससे वह घायल हो गया। सुरक्षा बलों ने हमलावरों को रोकने के लिए जवाबी फायरिंग की।
यह हिंसा मणिपुर के लंबे समय से चल रहे जातीय संघर्ष से जुड़ी है, जो कि पिछले साल से मैतेई और कुकी समुदायों के बीच जारी है। इस संघर्ष में अब तक सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हो चुके हैं। किसानों पर हमलों के कारण उनकी आजीविका पर संकट बढ़ गया है, और कई किसान अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं
मणिपुर में हाल के दिनों में लगातार किसानों पर हो रहे हमले राज्य की स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं। इन हमलों का मुख्य केंद्र इम्फाल पूर्व जिला है, जहां कुकी समुदाय के संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा पहाड़ी इलाकों से किसानों पर गोलीबारी की जा रही है। पिछले तीन दिनों से किसानों को बार-बार निशाना बनाया जा रहा है, जिससे क्षेत्र में धान की फसल काटने का काम बाधित हो रहा है।
इस हिंसा का मुख्य कारण मणिपुर में लंबे समय से चल रहा जातीय संघर्ष है, जो मैतेई और कुकी समुदायों के बीच बढ़ता जा रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संघर्ष में अब तक 200 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं। रविवार को भी एक सैनिक को मामूली गोली लगने की घटना सामने आई, जब सेना के जवानों ने किसानों को बचाने के लिए उग्रवादियों का सामना किया
इसके अलावा, पिछले सप्ताह एक 31 वर्षीय महिला की गोलीबारी में मौत हो गई, और शनिवार को एक अन्य महिला खेत में काम करते समय घायल हो गई। हालात को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षाबलों और पुलिस द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन उग्रवादियों की बार-बार की जा रही हिंसक गतिविधियां क्षेत्र में भय का माहौल बना रही हैं।